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एक अधूरी प्रेम कहानी। Adhuri love story | Best Sad Heart touching sad love story in Hindi

काश तुमने उस दिन पलटकर न देखा होता।

एक अधूरी प्रेम कहानी। Adhuri love story | Best Sad Heart touching sad love story in Hindi
Sad love story in Hindi


Heart touching love story in Hindi: आज मैंने बहुत दिनों बाद अपनी डायरी खोली,यह वही डायरी थी जिसमे 2 साल पहले मैं अपनी हर बात लिखता था,वही 2 साल जब से मैंने उसे खोया था। उसी धूल को हटाने के लिए मैंने डायरी पर अपने हाथ  रखा,तभी उसमे से एक खत जमीन पर जा गिरा।मैंने उस खत को जैसे ही उठाया  मेरी आंखें भर आयी।यह वही खत था जो मैंने उसे 2 साल पहले दिया था।

"तुम्हारे साथ होता हू,तो अच्छा लगता है।
तुम्हारे आस पास होने पर अच्छा लगता,
दुनिया चाहे कुछ भी कहे,
मुझे तुम्हारा और मेरा रिश्ता अच्छा लगता हैं।"

❤️I Love You Suhani❤️


यही कुछ 4 साल पहले यानी 2016 की बात हैं।मैंने 9th क्लास में नये स्कूल में एडमिशन लिया था। मेरा एड्मिसन काफी लेट में हुआ था,जिसकी वजह से मेरा होमवर्क बहुत छूट गया था।आज मेरा उस स्कूल में पहला दिन था,और मेरी हमेशा से आदत थी कि मैं पहली सीट पे बैठता था।

तभी क्लास में उसका आना हुआ,उसका नाम सुहानी था।मैंने सुहानी को पहली बार देखा था,वो बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी और शांत स्वभाव की थी।ऐसा लगता था कि भगवान ने उसे फुरसत से बनाया है,तभी से उसके लिए अलग सी फीलिंग हो गयी थी।

वो ज्यादा किसी से बात नही करती थी,पर उसकी आंखें बहुत कुछ कह देती थी।एक दिन मैंने सुहानी अपना लंच बॉक्स नही लायी थी ,तो मैंने कहा चलो साथ खाना खाते हैं,पहले तो उसने कुछ सोच कर मना कर दिया।

मैंने फिर कहा खा लो मैं जहर नही खाता हूं,वो बहुत जोर से हसी और बोली ऐसी कोई बात नही है,तभी से हमारी  दोस्ती हो गयी थी। हम दोनों क्लास में साथ मे बैठने लगे थे।हमारी बहुत अच्छी बन रही थी,हम एक दूसरे से सारी बातें शेयर करते थे चाहे वो अच्छी हो या बुरी।

ऐसा कई महीने चलता रहा।कभी कभी हम स्कूल के बहाने से घूमने भी जाया करते थे।मुझे सुहानी के साथ वक़्त बीताना अच्छा लगता था,और इसी बीच मुझे उससे कब प्यार हो गया पता ही नही चला।पर पता नही सुहानी भी मुझसे प्यार करती भी थी या नही।

उसने मुझसे एक बार बोला था उसे भी मेरे साथ वक़्त बीताना अच्छा लगता है।मैं उसके बिना अब जीना नही चाहता था।मैं सुहानी के साथ पूरी जिंदगी गुजरना चाहता था।

"वो अभी मिला भी नही था,
और उसे खोने का डर सताने लगा था।"


ऐसा होते होते पूरा साल गुजर गया।और हमारे एग्जाम भी आ गए हम दोनों ने एक दूसरे से वादा किया था कि इस बार हम 90% से कम नही लाएंगे हम साथ मे पढ़ते थे,हम दोनों ने घूमना बंद कर दिया और पूरा ध्यान पढाई पर लगा दिया।


हमारे एग्जाम बहुत अच्छे हुए थे और उसके भी। एग्जाम के बाद वो अपनी नानी के घर छुट्टी मनाने चले और मैं भी अपने परिवार के साथ घूमने चले गए।जब तक वो नानी के घर रहे तब तक हमारी कोई भी बात नही हो पाई। करीब 20 दिन बाद हम दोनों लौट आये और हमारे दिन फिर से बहुत अच्छे गुजरने लगे थे।

तब तक हमारे रिजल्ट भी आ गए थे,और उनके 93% आये थे और हमारे 90% आये थे।हम दोनों बहुत खुश थे।फिर हमारे स्कूल खुल गए थे।तभी मैंने सोचा कि अब सुहानी को अपने दिल की बात बता देनी चाहिए।एक दिन मैंने अपनी डायरी में सुहानी के लिए खत लिखा।

उसको मेरी डायरी पढ़ने का बहुत शौक था ,जब भी वो फ्री होती थी तो मेरी डायरी पड़ती थी,उस दिन मेरी उस डेयरी को देनी की हिम्मत नही हो रही थी,क्योंकि वो खत उसी में लिखा था।उसने मेरे हाथ से डेयरी ले ली और बोली आज इसे मैं घर ले जाऊँगी।मैंने डरते हुए कहा ठीक है।मैं उस दिन पूरी रात नही सोया था,और सुबह होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था।

उस दिन मैं पूरी रात नही सोया था।मेरी आँखें न सो पाने की वजह से लाल हो गयी थी।मैं उस दिन बहुत जल्दी स्कूल पहुच गया था,जब स्कूल पहुचा तो देखा सुहानी अभी तक नही आई थी।मेरी सब्र का बांध टूट रहा था।
फिर वो आयी,मैंने देखा कि उनकी आंखें बहुत कुछ कहना चाह रही थी,और मैं उन्हें सुनने के लिए तड़प रहा था।मैने अपनी डायरी मांगी तो उसने बोला छुट्टी में दूंगी।

मैं बहुत डर गया था और यह भी समझ गया कि मेरा खत मिल गया है।उस दिन स्कूल के वो 7 घंटे मुझे 7 साल से लग रहे थे।फिर छुट्टी हुए मैं रोड के साइड में खड़ा होकर उसका इंतजार कर रहा था।वो सामने आयी औऱ मेरे हाथ में डायरी रखकर मुस्कुराते हुए बोले इसमें एक खत मिला था मुझे बहुत अच्छा था।

वो मुस्कुराते हुए बोले बहुत समय लग गया तुम्हें बोलने में।कुछ मैंने भी लिखा है तुम्हारे लिए घर मे पढ़ना जा करके।अब मेरी खुशी का ठिकाना नही था,मैं रोड पर ही खुशी से झूमने लगा।और जब तक मैं उसे देखता वो रोड तक जा चुके थे,मैंने उसे आवाज लगाई और बोला- Suhaani I Love You.

तब तक वो बीच रोड पर पहुँच चुके थे।इतना सुनते ही वो पलट कर मुझे देखने लगी,तभी सामने से ट्रक आ गया।मैंने आवाज दी कि सामने देखो,तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

मैं सुहानी को बचाने के लिए दौड़ा पर बचा नही पाया।मैंने उसे अपनी गोद मे उठा लिया,उसे देख कर मेरा शरीर सुन्न पैड गया।मेरी आँखों से आंसू रुकने का नाम नही ले रहे थे।मैं बहुत रोया।औऱ वो अब मेरे साथ नही थी।

"अजीब सा प्यार था उसकी आँखों में,
महसूस तक न होने दिया कि मुलाकात आखिरी है।"😭😭

मैं सुहानी को आज भी हर पल अपने पास महसूस करता हू।मुझे आज भी उसके होने का एहसास होता है,ऐसा लगता है कोई हर वक़्त मेरे साथ रहता है। अब उसकी यादों के सिवा मेरे पास कुछ भी नही है।

"एक ख्वाहिश थी मेरी भी,
कि उसे जीभर कर देखु।
खुदा ने वो ख्वाहिश भी पूरी न होने दी।"😔😔

मैं आज भी खुद को कोसता हूँ, की काश उस दिन मैंने सुहानी को आवाज न दी होती तो आज वो मेरे साथ होती। मैं हर शाम वहाँ जाता हूं जहाँ सुहानी की कब्र है।


"याद रहेगा ये दौर भी हमको उम्र भर के लिये,
कितना तरसे है जिंदगी में उस सक्स के लिए।"

दोस्तो इस कहानी को शेयर करना न भूले।🙏🙏

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