मेरा दूसरा प्यार Love story पहले प्यार के धोखे से मैं इतना टूट गया था कि सोच लिया था ,कुछ भी हो जाये अब किसी से अपना दिल नही लगाऊंगा।पर उपरवाले को कुछ और ही मंजूर था।मेरा Graduation पूरा हो गया था और मैं अपना Exam देने Gorakhpur जा रहा था। Sunday का दिन था और मेरा पेपर 2 बजे से था। मैं Lucknow से ट्रैन में बैठा और वो भी वही से बैठे थे। जैसे ही वो ट्रैन के अंदर आये।उन्हें देख कर वहाँ के सभी लड़के अपने बालों को सवारने लगे थे,पर मैं वैसे ही बैठा रहा क्योंकि मुझे कोई फर्क नही पड़ता कि कोई लड़की मुझे देख कर क्या सोचेगी।मैं अपनी डायरी में कुछ लिख ही रहा था तभी पीछे से एक आवाज आयी क्या मैं ये window seat ले सकती हूं अगर आपको कोई एतराज न हो, जैसे ही मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो उनके चेहरे का गोरा रंग,झील सी आंखें,कानो में earrings और चहरे पर प्यारी सी smile थी ऐसा लग रहा था जैसे इन्हें बनाने में उपरवाले को बरसों लगे होंगे तभी उन्होंने एक बार फिर कहा क्या मैं आपकी window seat ले सकती हूं। मैंने कहा ठीक है मुझे कोई एतराज नही और वो मेरे बगल में बैठ गए। कुछ ही देर ही बैठे थे कि उन्होंने
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