Skip to main content

मेरा दूसरा प्यार। Most romantic love story in Hindi | Best Short love stories | Untold love story

मेरा दूसरा प्यार

मेरा दूसरा प्यार। Most romantic love story in Hindi | Best Short love stories | Untold love story
Love story


पहले प्यार के धोखे से मैं इतना टूट गया था कि सोच लिया था ,कुछ भी हो जाये अब किसी से अपना दिल नही लगाऊंगा।पर उपरवाले को कुछ और ही मंजूर था।मेरा Graduation पूरा हो गया था और मैं अपना Exam देने Gorakhpur जा रहा था। Sunday का दिन था और मेरा पेपर 2 बजे से था। मैं Lucknow से ट्रैन में बैठा और वो भी वही से बैठे थे।

जैसे ही वो ट्रैन के अंदर आये।उन्हें देख कर वहाँ के सभी लड़के अपने बालों को सवारने लगे थे,पर मैं वैसे ही बैठा रहा क्योंकि मुझे कोई फर्क नही पड़ता कि कोई लड़की मुझे देख कर क्या सोचेगी।मैं अपनी डायरी में कुछ लिख ही रहा था तभी पीछे से एक आवाज आयी क्या मैं ये window seat ले सकती हूं अगर आपको कोई एतराज न हो, जैसे ही मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो उनके चेहरे का गोरा रंग,झील सी आंखें,कानो में earrings और चहरे पर प्यारी सी smile थी ऐसा लग रहा था जैसे इन्हें बनाने में उपरवाले को बरसों लगे होंगे तभी उन्होंने एक बार फिर कहा क्या मैं आपकी window seat ले सकती हूं। मैंने कहा ठीक है मुझे कोई एतराज नही और वो मेरे बगल में बैठ गए। कुछ ही देर ही बैठे थे कि
उन्होंने बोला,Akriti
मैंने कहा sorry,
उन्होंने बोला मेरा नाम Akriti है।
मैंने बोलै अच्छा।
मेरा नाम आदित्य है।

फिर तो जैसे Akriti चुप ही नही हुई।और उन्होंने मुझे अपने सारे secret बात दिए जैसे उन्हें उन्हें गोल गप्पे बहुत पसंद है और भिंडी की सब्जी बिल्कुल पसंद नही है पर उनकी mummy उन्हें जबर्दस्ती खिलाती है😀😀 और उनके पापा नीम की पत्तियां जबर्दस्ती  खिलाते है😂 और वो उन्हें सबसे ज्यादा प्यार भी करते है।क्योंकि  वो घर में सबसे छोटी है पर सारारते सबसे बड़ी करती है। 

फिर अचनाक उन्होंने मुझसे पूछा आपको क्या पसन्द है मैंने कहा मुझे माँ के हाथ का खाना बहुत पसंद है जो कि मुझे बहुत कम खाने को मिलता है क्योंकि मुझे हॉस्टल में रहना पड़ता है।हम दोनों खूब हस रहे थे और Train में सभी लोग हमें देख रहे थे। फिर उन्होंने अचनाक मुझसे पूछा,
Akriti-क्या आप writer हो।

Me-नही,क्यों।

Akriti-वो मैंने देखा था कि आप कुछ 
लिख रहे थे।

Me-कभी कभी लिख लेता हूं जब मन करता है। वैसे तो में एक Engineer हू और बेरोजगार भी हु।

Akriti -वो बहुत तेज़ हँसे और तब तो आप writer और Engineer दोनो है।कहा से लाये इतना टेलेंट।

मैंने कहा हम Engineers के पास हर field में talent होता है। बस बया नही करते है।

मेरा stop आ गया था और मैने उनसे हाथ मिलाया और बोला चालता हू।पर न जाने क्यों उनसे दूर जाने का मन ही नही कर रहा था और सोच रहा रहा था काश ये सफर कभी खतम ही न हो। ये बातों का सिलसिला यही चलता रहे।

Akriti ने बोला फिर मिलेंगे चलते चलते,

मैंने कहा पता नही।

Akriti ने बोला अगर किस्मत ने चाहा तो जरूर मिलेंगे,
मैंने कहा हा जुरूर।

हम उनसे उनका नंबर लेना चाहते पर सायद हिम्मत नही हुई और वो भी कुछ नही कह पा रहे थे।

 मैं ट्रैन से उतर गया और पलट कर देखा तो वो मुझे देख रहे थे पर ख़ामोशी से सायद वो मुझे रोककर  कुछ कहना चाह रहे थे जो की कह नही पा रहे थे।

जब मैं अपने सेन्टर पे पहुचा और अपना बैग खोला तो देखा मेरा Admit card मेरे बैग में नही था,एग्जाम सुरु होने में सिर्फ 15min बाकी थे और मैं एक अनजान शहर में था।मैने वहा के टीचर से request करी पर वो नही माने। 

मैं बहुत उदास हो गया और वहा एक पड़ी bench पर baith गया, तभी पीछे से एक आवाज आई Engineer Sahab ,पलट कर देखा तो Akriti थी।मैंने बोलै आप यहा क्या कर रहे हो। तो उन्होंने मुझसे पूछा पहले आप ये बताइये आप बाहर क्या कर रहे हो आपको तो अंदर होना चाहिए था,मैने बोलै मेरा Admit कार्ड खो गया है।

तभी उन्होंने Admit Card अपनी बैग से निकाला और मेरी तरफ बढ़ाते हुए बोले आप Sad अच्छे नही लगते हो। जैसे ही मैंने अपना Admit Card देखा मेरे चेहरे पे अलग ही मुस्कुराहट आ गई और वो बोले ये मुसकुराहट कभी कम नही होनी चाहिए।

मैंने Thanku बोला तो उन्होंने मिझसे काहा की सिर्फ Thanku से काम नही चलेगा। तो मैने पूछा तो बताइये कैसे चलेगा,तो उन्होंने कहाँ की जब आपको जॉब मिल जाए तो party चाहिए मुझे।

मैने कहा वो तो ठीक है।पर हम एक दूसरे को contact कैसे करेंगे तो उन्होंने बोला जैसे हमे kismat ने इस बार मिलाया है अगर हमारे नसीब में फिर से मिलना होना तो हम जुरूर मिलेंगे।

उन्होंने अपने बैग से एक Rs.100 का नोट निकला और मुझे fold करके दिया और बोला इसको हमेशा अपने पास रखना,हम जुरूर मिलेंगे और मैं College center के अंदर चला गया।मेरा Exam बहुत अच्छा हुआ था अब बस एक ही ख्वाहिश थी कि कैसे भी करके Akriti को खोजना है। Facebook, Instagram सब पर देख लिया पर वो कही नही मिले।2 महीने हो चुके थे पर मेरे हाथ में कुछ भी नही था, हा पर उनकी वजह मुझे जॉब मिल गयी थी। फिर भी बाउट उदास था मुझे लगने लगा था कि सायद मैंने Akriti को खो दिया ,तभी मुझे एक दिन याद आया की उन्होंने मुझे एक नोट दिया था और मैंने अपनी Parse में से Rs50 का नोट निकाला और खोल कर देखा तो उसपे उनका फ़ोन नंबर लिखा था।

मैं खुसी से पागल हो गया था। मैंने बिल्कुल भी देर न करते हुए तुरंत फ़ोन लगाया।
मैने बोला Hello,
उधर से आवाज आई Engineer Sahab कैसे है आप।

मैंने बोला अभी भी याद है हम।
तो उन्होंने बोला भूले ही कब थे आपको।
मेरी आँखों से आंशू आ गए ।
मैंने बोलै पार्टी नही चाहिए क्या आपको।
इतना सुनते ही वो खुसी से पागल हो गए।


हमे कमेन्ट करके जरूर बताइएगा की आपको हमारी कहानी कैसी लगी।

very short love stories in Hindi, very short love stories in Hindi, heart touching love stories hindi, short emotional stories in hindi, short stories in hindi on truth, 

Story On True Love In Hindi, 

romantic love story, short story for lovers, short story love, romance love story, प्यार की कहानी.

Comments

  1. Mere 8003450426 par msg kar Blogger ki kuch details deta hu

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

दो वचन- Heart Melting sad love story in Hindi | Very Sad Heart Touching Love Story

Sad Hindi love story Heart Melting Sad love story in Hindi: आज जो मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूं,जो बेइंतहा दुख,दर्द और प्रेम से भरी हुई है।यह एक ऐसी कहानी है,जिसमे एक तरफ उसके माता-पिता और दूसरी तरफ है उसकी प्रेमिका। एक वादा किया गया था परिवार से और एक वादा किया गया था उससे भी।इस कहानी में पात्रों के नाम बदल कर बताये गए है।इस कहानी में लड़के का नाम अविरल और लड़की का नाम अंकिता है। Very Sad Heart Touching Love Story in Hindi घडी में सुबह के 7 बज रहे है और रसोई से आवाज आती है "अविरल,अविरल बेटा उठ जाओ तुम्हें कॉलेज नही जाना है क्या आज तुम्हारा कॉलेज में पहला दिन है" कमरे से  सी आवाज रसोई तक जाती है"हा माँ उठ रहा हूं।" तकरीबन 10 मिनट के बाद पिता की आवाज आती है"आज तुम्हारा कॉलेज जाने का मन नही है क्या।" फिर से कमरे से धीमी सी आवाज़ आती है"आ रहा हु पापा।" अविरल जल्दी से तैयार होकर नीचे आता है और बोलता है"माँ जल्दी से नाश्ता दो वरना कॉलेज के लिए लेट हो जाऊँगा।" वो फिर कभी नही आया- best beautiful love story  Story in Hindi माँ-"आज

फिर एक दिन वो मुझे मिली | Real life love stories in Hindi | Heart touching love story in Hindi

  Real life love stories in Hindi Real life love stories in Hindi: एक लड़का गांव का जो की सहर में पढ़ने के लिए गया था। लडका बहुत इंटेलिजेंट था लकिन वो कभी किसी को शो नहीं करता था। लडका का नाम अंकुर था जो की अभी 17 साल का था अंकुर ने 11 वीं क्लास मैं सहर के स्कूल में एडमिशन ले लिया। अंकुर काफ़ी खुश था की वो अब सहर में पढ़ने के लिए जाएगा या ऐसा ही अंकुर पढ़ने के लिए सहर चला गया। डेली का आना जाना सहर से गांव , गांव से सहर। अंकुर क्लास मैं जाता या चुप बैठा रहता क्योंकि वो किसी को जनता नहीं था। धीरे धीरे अंकुर के दोस्त बन गए और वो उनसे बात करने लगा।   जैसे- जैसा टाइम बीता गया अंकुर का टैलेंट सबको दिखने लगा था फिर भी अंकुर शो नहीं करता था। क्लास मैं एक लड़की थी जो कफी इंटेलीजेंट थी जो की क्लास की टॉपर थी लड़की का नाम पायल था। पायल अंकुर को देखते और मस्करा देती। जैसे - जैसे टाइम जटा गया वैसा ही वो दोनो एक दसरे को पसंद करना ल

रात का सफर। Best Inspirational story in Hindi। Best Hindi story for life | Hindi kahani

रात का सफर। inspirational story in  Hindi Inspirational story in Hindi। Best Hindi story for life Inspirational story in Hindi:  मेरा नाम रचना है और मैं गुड़गांव के एक कंपनी में जॉब करती हूं।आज मैं आपको अपने साथ हुई सच्ची घटना सुनाने जा रही हू।जिसे सुनकर आप सभी दंग रह जाएंगे।दुनिया में हर इंसान गलत नही होता है कभी-कभी वो गलत लोगो की भीड़ का हिस्सा बन जाता है और हम उसे गलत मान लेते है।ये कहानी इसीपर आधारित है।मुझे उम्मीद है कि ये कहानी आपको पसंद आएगी। मैं गुड़गांव के एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हूं तो आफिस से कभी-कभी बहुत लेट हो जाती हू।एक दिन मुझे ऑफिस का बहुत सारा काम करना था,इसीलिए मैं घर जाने के लिए बहुत लेट हो गयी थी। रात का समय था तकरीबन 10 बज रहे थे।मैं गुड़गांव में नई आयी थी इसीलिए मेरा वहाँ ज्यादा कोई जानने वाला नही था। मैं ऑफिस के नीचे खड़े होकर ऑटो रिक्शा का इंतजार कर रही थी।इंतजार करते-करते बहुत समय हो गया था और अब मुझे इस अनजान सहर में डर लगने लगा था। सूनसान इलाका और खाली सड़के अब मुझे और डराने लगी थी।मैं बस यही चाहती थी कि आज बस घर पहुच जाऊ किसी भी तरह से।कल से ऑफिस में बात क